आज इस लेख में हम हमारे चहेते खिलाड़ी ऋषभ पंत के बारे में बात करने जा रहे हैं जहां बता दे आज के समय में इनको हर दिग्गज और ज्ञाता लोग पसंद करते हैं जहां वह एक ऐसा बल्लेबाज है जोकि अपने खेलने को अंदाज को किसी भी परिस्थिति में नहीं बदलते हैं.
चाहे उनको कोई भी बोले वह अपने तरीके को कभी नहीं बदलते हैं जिसके कड़ी मेहनत के बाद आज वह भारतीय टीम के एक मुख्य खिलाड़ी के रूप में हम सभी को खेलते हुए नजर आते हैं.
भाग्य केवल बहादुर के साहस का ही साथ देता है जो कि ऋषभ पंत के ऊपर बहुत ही अच्छी तरीके से लागू होता है जहां इन्होंने बहुत बार यह प्रसिद्ध करके दिखाया है जिसके वजह से करोड़ों क्रिकेट फैंस के दिलों में यह राज करते हैं.
खिलाड़ी का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को रुड़की, उत्तराखंड में हुआ. जहां उनके पिता का नाम श्रीमान राजेंद्र पंत और माताजी का नाम श्रीमती सरोज देवी पंथ है और उनकी एक बहन भी है जिनका नाम है साक्षी पंथ है जहां बता दें उनका बचपन से ही क्रिकेटर बनने का लक्ष्य था.
बता दे मूल रूप से उत्तराखंड में पैदा हुए शब्द का शुरुआती बचपन और स्कूल की पढ़ाई वहीं पर समाप्त हुई जहां वर्ष 2005 में पूरा परिवार दिल्ली आ गया और इसका फैसला उनके पिता ने उनके अंदर क्रिकेट का भूत देखकर किया.
उनके पिता उनके अच्छे प्रशिक्षण के लिए दिल्ली आ गए जहां कुछ समय बाद पिताजी का देहांत हो गया जिसके कारण इनकी माता ने ऋषभ पंत और उनकी बहन साक्षी पंत को संभाला. पिंका पैतृक निवास पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के पाली नामक गांव में है.
भले ही इनकी उम्र फिलहाल कम हो परंतु इन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपना सभी फॉर्मेट में हुनर दिखा दिया है. दिल्ली आने के बाद इन लोगों ने अच्छे कोच की तलाश की जहां पर सब कोचो मैं से इन्हें मिस्टर तारक सिन्हा ने प्रशिक्षण करवाया जहां उनके पिता को शुरू से ही ऋषभ पंत के इस हुनर के बारे में पता और पूरा भरोसा था कि आगे जाकर वह अपने इस सपने को पूरा करेंगे.